वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, राकांपा के शरद पवार, शिवसेना के संजय राउत के अलावा तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, द्रमुक के टी आर बालू, बीजद के पिनाकी मिश्रा, वाईएसआर के मिथुन रेड्डी, सपा के राम गोपाल यादव, जदयू के राजीव रंजन सिंह, लोजपा के चिराग पासवान, अकाली दल के सुखवीर सिंह बादल सहित कई अन्य दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया।
खबरों के अनुसार ये बातचीत कोरोना संकट से निपटने और लॉकडाउन को लेकर थी। बैठक में फ्लोर नेताओं ने पीएम मोदी के सामने पांच मांगें रखी। इसमें कोरोना टेस्ट को मुफ्त में करने, राज्यों को बकाया देने, राहत पैकेज को जीडीपी के एक फीसदी से बढ़ाकर 5 फीसदी करने, राज्य एफआरबीएम राजकोषीय सीमा को 3 से 5 फीसदी करने और पीपीई समेत सभी मेडिकल इक्विपमेंट को मुहैया कराने की मांग की गई।
पीएम मोदी के साथ बातचीत में उन सभी दलों के नेता शामिल हुए जिनके पांच से अधिक सांसद हैं। 25 मार्च को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद विपक्ष सहित फ्लोर के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री की यह पहली बातचीत है। हालांकि, प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर 2 अप्रैल को देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत की थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले डाक्टरों, पत्रकारों, विदेशों में भारतीय मिशनों के राजनयिकों सहित विभिन्न पक्षकारों से बातचीत की थी।